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Uniform Civil Code क्या है ? पहली बार इसका जिक्र कब हुआ, Uniform Civil Code लागू होने पर क्या बदल जाएगा ?
Civil Court

Uniform Civil Code क्या है ? पहली बार इसका जिक्र कब हुआ, Uniform Civil Code लागू होने पर क्या बदल जाएगा ?

Uniform Civil Code क्या है ? पूरी जानकारी यहां पढ़ें :—

 

दोस्तों आज हम जिस बिषय पर बात करने वाले इसके बारे में हर विद्यार्थि को जाना जरूरी है खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है जो Competitive Exam की तैयारी कर रहे है।

दरअसल Uniform Civil Code के बारे में जरूर सुना होगा लंबे समय से होती रही है, दोस्तों Uniform Civil Code को हिंदी में सम्मान नागरिक संहिता कैसे हैं. इसका मतलब देश के सभी धर्मों को मानने बालों के लिए एक जैसा कानून —

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आज के आर्टिकल हम सिविल कोर्ट आर्टिकल के बारे में बात करेंगे और जानेंगे आखिर Uniform Civil Code है। अगर इसे लागू कर दिया जाता है तो इसे देश के नागरिकों पर क्या असर पड़ेगा। चलिए आज के आर्टिकल शुरुआत करने से पहले आप ध्यानपूर्वक पढ़ें :—

 

• Uniform Civil Code क्या है ?

• Uniform Civil Code पर संविधान क्या कहता है ?

• पहली बार कब हुआ था Uniform Civil Code का जिक्र ?

• समान नागरिक संहिता की स्थिति अभी क्या है ?

• किस राज्य में लागू है Uniform Civil Code ?

• Uniform Civil Code लागू होने पर क्या बदल जाएगा ?

 

• दरअसल दोस्तों यह वो सवाल है जो आज के समय में हर विद्यार्थि को जानना चाहिए क्योंकि अगर यह कानून बन गया तो जाहिर सी बात है इससे जुड़े प्रश्न भी आपके एग्जाम में पूछे जाएंगे।

इसलिए इससे जुड़े कुछ इंपॉर्टेंट पॉइंट को आप नोट कर लीजिए। और अगर आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके मन Uniform Civil Code के बारे मे कोई भी सवाल आता है तो आप हमें टेलीग्राम पर मैसेज करके पूछ सकते हैं।

 

• Uniform Civil Code क्या है ?

 

दोस्तों Uniform Civil Code से हिंदी में समान नागरिक संहिता या फिर कानून कहते हैं। वैसे नाम से थोड़ा बहुत आइडिया आ गया होगा। यह सभी नागरिकों के लिए एक समानता कारों की बात करता है दोस्तो समान नागरिक संता का मतलब होता है देश में सभी धर्मों के लोगों के लिए एक जैसा कानून, फिर चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हो, शिख हो या इसाई, बौद्ध हो या जैन, मतलब कोई भी किसी भी धर्म को मानने वाले हो इस कानून के बंधन में बंध जाने के बाद सभी के लिए एक जैसा कानून होगा।

 

• Uniform Civil Code पर संविधान क्या कहता है ?

 

दोस्तों ऐसा नहीं है कि संविधान मैं समान नागरिक का जिक्र नहीं है लेकिन कभी भी इसे लागू नहीं किया जा सका।संविधान में समान नागरिक सिर्फ अवधारणा है जिसे अब लागू करने की बात हो रही है।

दरअसल संविधान के अनुच्छेद 44 में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करने की बात कही गई अनुच्छेद मे ये कहा गया है समान नागरिक संहिता को लागू करना सरकार का दायित्व है। लेकिन इसे कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया।

ऐसे अपराध से जुड़े मामलों को एक करतो समान अपराध संहिता लागू कर दिया गया जिसके तहत अगर कोई अपराध करता है तो उसे यह देखकर सजा नहीं दी जाएगी कि वह किस धर्म से तालुक रखता है। बल्कि सभी को एक जैसा सजा का प्रावधान है लेकिन जहां तक समान नागरिक संहिता की बात है तो कभी भी इसे लागू किया नहीं गया है।

 

• पहली बार कब हुआ था Uniform Civil Code का जिक्र ?

 

ऐसा नहीं है कि समान नागरिक कानून का चित्र हमारे देश में पहले पहली बार हुआ है इससे पहले भी इस कानून पर ना सिर्फ चर्चा हुई है बल्कि इसे लागू भी किया था। लेकिन फर्क बस इतना है कि जो नागरिक समानता लागू किया गया था उसमें सभी धर्मों के धार्मिक मामलों को अलग रखा गया।

दरअसल सन् 1835 में ब्रिटिश गवर्नमेंट भारत में शासन कर रही थी, उस वक्त समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया था। इसको लेकर ब्रिटिश गवर्नमेंट ने बकायदा एक रिपोर्ट भी बनाई थी जिसमें कहा गया था कि अपराधियों सबूतों और ठेको के मुद्दे पर एक जैसा कानून लागू करने की जरूरत है।

जबकि इस रिपोर्ट में हिंदू हो या मुसलमानों के धार्मिक कानूनों से छेड़छाड़ की बात नहीं कही गई थीं। हालांकि बाद में आजादी से पहले सन 1941 में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बी एन राव समिति का गठन किया गया था। इसी रिपोर्ट सिफारिश के आधार पर आजादी के बाद सन 1956 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम विधायक को अपनाया गया था।

जिसमें हिंदू, बौद्ध, शिख और जैन धर्म से जुड़े लोगों के उत्तराधिकार के मामलों के निपटारे को शामिल किया गया था। लेकिन इस लेकिन इस विधेयक में मुस्लिम शायरी और फारसी लोगों को बाहर रखा गया था तभी से मुस्लिम, शिख, इसाई, और फारसी लोगों धर्म से जुड़े मामले अलग रखे गए।

 

• समान नागरिक संहिता की स्थिति अभी क्या है ?

 

अगर हम समान नागरिक संहिता के अभी के ऊपर नजर डालें तो भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 नागरिक प्रक्रिया संहिता और संपत्ति हंसत्तारन अधिनियम 1882 भागीदारी अधिनियम 1932 साक्ष्य अधिनियम 1872 मैं देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम लागू हुआ है।

लेकिन धार्मिक मामलों को कानून से अलग रखा गया… यानी कि सभी धर्मों को लोगों के लिए धर्म से जुड़े कानून अलग-अलग है। हमारे देश का संविधान सभी नागरिक को को अपने-अपने धर्म माननीय उसका प्रचार प्रसार करने और अपने धर्म हिसाब से जीने पूरी आजादी मिलता है और उस बात का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 25 में भी है।

 

• किस राज्य में लागू है Uniform Civil Code ?

 

भले ही हमारे देश में समान नागरिक कानून लागू करने की अभी भी बहस चल रही हो लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में एक ऐसा राज्य है जहां पर ये कानून पहले से ही लागू है। दरअसल उस राज्य का नाम गोवा है। दोस्तों आपको पता होगा गोवा देश की आजादी के काफी साल बाद भारत में मिला था।

जब इसे पुर्तगाल से आजादी मिला था इसलिए इस राज्य को भारत देश का दर्जा प्राप्त है और यहां Uniform Civil Code पहले से ही लागू है दरअसल गोवा के पुर्तगाल सिविल कोड लागू करने का अधिकार मिला हुआ है, और ये वहां लागू भी है‌। इसके तहत गोवा में सभी जाति धर्म और संप्रदाय और वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शादी तलाक संपत्ति जय उत्तराधिकार और बच्चे की कस्टडी से जुड़ा कानून एक जैसा ही है…

यानी कि जो कानून पूरे देश में लागू करने की चर्चा चल रही है वह कानून गोवा में वर्षों से लागू है। हालांकि यहां भी थोड़ा सा आंसर जरूर दिखाई देता है वैसे तो यहां नागरिक संहिता के यह सभी के लिए एक जैसा कानून है लेकिन शादी के मामले में दरअसल यहां नियम अलग है। गोवा में मुस्लिमों को यार शादी करने की अनुमति है जबकि हिंदूयो दो शादी करने की इजाजत है।

 

• Uniform Civil Code लागू होने पर क्या बदल जाएगा ?

 

अगर Uniform Civil Code कानून बन जाता है और पूरे देश में लागू हो जाता है। तो फिर सभी धर्मों के लिए देशभर में एक जैसा कानून लागू हो जाएगा मतलब हिंदुओं, बौद्ध, शिख, जैन, मुस्लिम, ईसाई और पारसी सहित तमाम धर्मों से जुड़े वर्तमान कानून रद्द हो जाएंगे, और समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाएगा।

दोस्तों अगर यह लागू हो जाता है तो शादी, तलाक, संपत्ति के बंटवारे बच्चे की कस्टडी या फिर बच्चे को गोद लेकर जो नियम है वह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान हो जाएगा।

 

ध्यानपूर्वक पढ़ें :— दोस्तों इस आर्टिकल के लिए बस इतना ही उम्मीद करता हूं कि आपको Uniform Civil Code पसंद आया होगा। आपको अगला आर्टिकल किस टॉपिक पर चाहिए, आप हमें Telegram Join करके मैसेज कर सकते हैं।


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